क्या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से विकास को बढ़ावा मिलेगा?

पर्यटन पर मोदी सरकार के अब तक के प्रयासों को देखें तो राम मंदिर निर्माण से ना सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे रामायण सर्किट (जो सरकार की योजना का एक हिस्सा है) में धार्मिक पर्यटन के लिहाज़ से खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है
क्या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से विकास को बढ़ावा मिलेगा?
  • पीएम मोदी ने बुधवार को अयोध्या में किया राम मंदिर के लिए भूमि पूजन

  • राम मंदिर निर्माण से उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास में आएगी रफ्तार

  • धार्मिक पर्यटन से रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को गति देने की कोशिश में सरकार

अयोध्या: एक अभूतपूर्व कार्यक्रम में पीएम मोदी ने राम मंदिर के लिए बुधवार को भूमि पूजन किया. क्या इस कार्यक्रम को कोई आर्थिक पहलू भी है? मोदी सरकार के बीते 6 सालों में पर्यटन के ढांचागत विकास पर ज़ोर को देखते हुए साफ होता है की धार्मिक पर्यटन से सरकार एक तीर से कई निशाने साध रही है. एक ओर सरकार स्थानीय स्तर पर रो़ज़गार सृजन और व्यापक पैमाने पर अर्थव्यवस्था को गति देना. आने वाले समय में राम नगरी अयोध्या में एक नया एयरपोर्ट और एक बेहतरीन रेलवे स्टेशन बनने वाला है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ मंदिरों के शहर अयोध्या में कई विकास और सौंदर्यीकरण प्रोजेक्‍ट का ऐलान किया है. इस प्रोजेक्‍ट के तहत अयोध्या को एक बड़े धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की योजना है. अयोध्‍या के लिए एडवांस प्‍लानिंग में न केवल नया एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन शामिल हैं, बल्कि नजदीक राजमार्ग और स्थानीय पर्यटन स्थलों का उन्नयन भी शामिल है. मोदी सरकार ने बीते कार्यकाल में 2016 में दो परियोजनाएं मंजूर की थीं-स्वदेश दर्शन (SWADESH-DARSHAN) और प्रसाद (PRASAD) यानी प्रिलग्रिमेज रीजुवेनशन ऐंड स्पिरिचुअल आगमेंटेशन ड्राइव. स्वदेश दर्शन के तहत 15 थीम के तहत पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है. इनमें बुद्धिस्ट सर्किट, कृष्णा सर्किट, स्पिचिरचुअल सर्किट, रामायण सर्किट और हेरिटेज सर्किट प्रमुख हैं. पर्यटन के लिहाज से सूफी सर्किट में दिल्ली, आगरा, फतेहपुर सीकरी, बीजापुर, शिरडी, औरंगाबाद आदि शामिल हैं. क्रिश्चियन सर्किट में गोवा, केरल, तमिलनाडु के चर्च शामिल हैं.

PRASAD के तहत पहचाने गए कुछ धार्मिक स्थलों का विकास और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इन दोनों योजनाओं के तहत सरकार ने करीब 90 प्रोजेक्ट्स में 7000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.  इस स्कीम के तहत देश भर में धार्मिक स्थलों के पहचान और उनके विकास पर जोर है ताकि लोगों के धार्मिक पर्यटन का अनुभव और व्यापक हो. स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत सरकार ने 6,035.70 करोड़ रुपये की 77 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. होटल और टूरिज्म सेक्टर में सरकार ने 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत दी है.

अयोध्या में राम मंदिर रामायण सर्किट में धार्मिक पर्यटन को नयी ऊंचाईयों पर पहुंचा सकता है. आपको याद होगा पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 के लालकिले की प्राचीर से अपने भाषण में कहा था कि हर व्यक्ति 2022 तक 15 घरेलू पर्यटन स्थलों की यात्रा करे. निश्चित तौर पर ये यात्राएं कोरोना काल में संभव नहीं लेकिन साफ तौर पर धार्मिक पर्यटन के लिए एक रास्ता तो सरकार ने तय कर दिया है.

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